क्या है नया इस साल के एक्सपो में, कौन-कौन सी कार चढ़ रही हैं लोगों की नजर में.
एशिया के सबसे बड़ा मोटर शो ‘ऑटो एक्सपो 2020’, की थीम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कार है और इसीलिए ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च किए जा रहे हैं. दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 5 फरवरी से 12 फरवरी के बीच आयोजित हो रहे इस एक्सपो को आम लोगों के लिए 7 फरवरी से खोला गया. दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के कार के दीवानों के लिए ऑटो एक्सपो एक ऐसा आयोजन होता है जिसका वह पूरे साल इंतजार करते हैं. पिछले साल देश ने ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में बहुत से उतार-चढ़ाव और अहम सरकारी हस्तक्षेप देखे हैं.

जहां 2019 ऑटोमोबाइल क्षेत्र के संकट के लिए खबरों में रहा वहीं सरकार ने इन कंपनियों को उबारने के लिए कई तरह की रियायत भी दी. बीएस-4 इंजन की गाड़ियां बेचने की डेडलाइन एक साल बढ़ा दी गई ताकि कंपनियां पुराना स्टॉक क्लियर कर सकें. वहीं सरकार ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए अपना पूरा समर्थन जताया. इलेक्ट्रिक से चलने वाली गाड़ियां खरीदने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने को सरकार की ओर से सब्सिडी से लेकर पार्किंग शुल्क में छूट जैसे ऑफर दिए गए. कंपनियों ने भी समझा कि जमाना इलेक्ट्रिक का ही है. इसीलिए इस साल जोर इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर रहा.
इसका एक असर यह भी रहा कि इस साल पिछले ऑटो एक्सपो के मुकाबले कुछ कम गाड़ियां लॉन्च हुईं. पिछले एक्सपो में जहां विभिन्न कंपनियों ने 80 गाड़ियां लॉन्च की थी, इस बार 70 गाड़ियां लॉन्च हो रही हैं. बहरहाल गाड़ियां भले ही कुछ कम लॉन्च हुई हों लेकिन ये गाड़ियां भविष्य की गाड़ियां हैं- दमदार, खूबसूरत और ग्रीन फ्यूल वाली.

तो आइए जानते हैं ऑटोएक्सपो 2020 की कुछ चुनिंदा गाड़ियों के बारे में जिनको लेकर लोगों के बीच खासा उत्साह दिख रहा है. जिन्हें लोग पसंद कर रहे हैं, जिन्हें मीडिया कवरेज मिल रही है और जो जल्द ही भारत की सड़कों पर सरपट दौड़ती नजर आएंगी. तो बांध लीजिए अपनी सीट बेल्ट और न्यूजऑर्ब360 के साथ चलते है मोबिलिटी के इस रोमांचक सफर पर…
टाटा अल्ट्रॉज ईवी

इस कार को सबसे पहले जेनेवा मोटर शो में पेश किया गया था. Tata Altroz EV कंपनी की प्रीमियम हैचबैक अल्ट्रॉज पर आधारित है. अल्ट्रॉज इलेक्ट्रिक टाटा के नए अल्फा प्लैटफॉर्म पर आधारित पहली इलेक्ट्रिक कार होगी. लुक में कुछ छोटे-मोटे बदलावों को छोड़ दें, तो यह कार अल्ट्रॉज के रेग्युलर वर्जन की तरह ही दिखती है.
रेनॉ सिटी K-ZE

इस कार को सबसे पहले शंघाई मोटर शो में पेश किया गया था. यह भारत में बिकने वाली क्विड हैचबैक वाले प्लैटफॉर्म पर आधारित है. City K-ZE अब रेनॉ की सबसे छोटी इलेक्ट्रिक कार है. यह इंटरनेशनल मार्केट में कंपनी की Zoe इलेक्ट्रिक कार से नीचे के सेगमेंट में जगह लेगी.
महिंद्रा eKUV100

इस कार का प्री-प्रॉडक्शन मॉडल 2018 ऑटो एक्सपो में पेश किया गया था. अब कंपनी ने इसे 8.25 लाख रुपये के प्राइस टैग के साथ लॉन्च कर दिया है. इस लिहाज से यह भारत की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार है. जाहिर है बाजार में यह कार धमक बना सकती हैं.
एमजी मार्वेल X

Morris Garages यानी एमजी ने ऑटो एक्सपो 2020 में यह इलेक्ट्रिक कार पेश की है. यह कार Vision E कॉन्सेप्ट पर आधारित है. इस कार को 2017 में शंघाई ऑटो शो में भी पेश किया जा चुका है. दावा किया जा रहा है कि एक बार फुल चार्ज होने पर यह कार 400KM से ज्यादा दूरी तक चल सकती है. इस फीचर के कारण यह कार लोगों को आकर्षित कर सकती है.
किआ सोल EV

किआ मोटर्स ने भारत में अपनी किआ सोल EV पेश कर दी. यह कार साउथ कोरिया समेत कई और बाजारों में बिक्री के लिए पहले से ही उपलब्ध है. लीथियम आयन पॉलीमर दममदार बैटरी से लैस यह कार 450KM की रेंज देती है.
तो ये तो हुई उन कारों की बात जिन पर रहेगी लोगों की नजर और जो भारत की सड़कों पर धूम मचाने को बेताब हैं. लेकिन बात जब इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की हो रही है तो इस बात का जिक्र करना भी जरूरी हो जाता है कि भारत की कई स्टार्टअप कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की सबसे बड़ी समस्य़ा को दूर करने में लगी हुई हैं. और वह समस्या है दमदार बैटरी की.

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के आलोचकों की सबसे बड़ी शिकायत यही है कि भारत में कारें अगर आ भी जाएं तो वे सफल नहीं होंगी क्योंकि उनके लिए चार्जिंग स्टेशन कम हैं. दूसरी बात गाड़ियों की बैटरी लंबी नहीं चलती. तीसरी बात कि ज्यादातर बैटरी चीन से आयात होती है. अगर भारत पूरी तरह बैटरी पर शिफ्ट हो गया तो चीन इसका फायदा उठा लेगा. अभी वह सस्ती बैटरी मुहैया करा रहा है ताकि हम बैटरी पर आश्रित हो जाएं. एक बार जब उसे बाजार पक्का दिखने लगेगा तो वह बाहें मरोड़ना शुरू करेगा-खासतौर से अमेरिका के साथ चल रहे उसके व्यापारिक युद्ध को देखते हुए इसकी आशंका ज्यादा जताई जा रही थी.
तो खबर है कि अब भारत की कई कंपनियों ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल की है. इस एक्सपो में कंपनियों ने इसके संकेत भी दिए. तो उम्मीद करें कि इस समस्या के समाधान के साथ भारत- पेट्रोल और डीजल से बैटरी की ओर बढ़ेगा. भारत के लिए यह जरूरी भी है क्योंकि हमारे आयात बजट का आधे से ज्यादा तेल का ही होता है. न्यूजऑर्ब360 पर हमको कारों और उससे जुड़ी अन्य जानकारियां आप तक पहुंचाते रहेंगे. सुरक्षित चलें, ट्रैफिक के नियमों का पालन करें और ईंधन बचाएं. रेड लाइट पर ईंजन बंद कर दें.